0
देवी सिद्धिदात्री, जिन्हें सिद्ध, गंधर्व, यक्ष, देवताओं, दानवों आदि द्वारा पूजा जाता है, उनके हाथों में
0
मैं भगवान् सदाशिव के उस लिंग को प्रणाम करता हूं, जो लिंग ब्रह्मा, विष्णु व अन्य
जो सर्वशक्तिमय, सर्वरूपधारी, सर्वव्यापक और सम्पूर्ण विद्याओं के प्रवक्ता हैं, उन भगवान् मयूरेश गणेश को मैं
शौर्य, तेज, धृति, दाक्ष्य (दक्षता), युद्ध से पलायन न करना, दान और ईश्वर भाव (स्वामी भाव)
[vc_row][vc_column css=".vc_custom_1633714184567{padding-top: 4% !important;padding-bottom: 2% !important;}"][/vc_column][/vc_row][vc_row full_width="stretch_row_content"][vc_column][vc_row_inner][vc_column_inner width="1/2"][vc_column_text] [/vc_column_text][vc_column_text] ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता तुमको निशदिन सेवत, मैया जी को निशदिन सेवत हरि विष्णु ...