सत्येन धार्यते पृथ्वी सत्येन तपते रविः।
सत्येन वाति वायुश्च सर्वं सत्ये प्रतिष्ठितम्॥

सत्य ने ही अंतरिक्ष में पृथ्वी को धारण कर रखा है। सत्य के प्रताप से ही सूर्य तपता है। सत्य के कारण ही वायु प्रवाहित होती है। अतः सब कुछ सत्य में ही स्थित है।

The earth is supported by the power of truth, it is the power of truth that makes the sunshine and the winds blow, indeed all things rest upon truth.

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1 Comment

  1. अशोक सोनी May 6, 2024 Reply

    संस्कृत श्लोको के भावार्थ जानना मुझे अति प्रिय है ।

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