न मे द्वेष रागौ न मे लोभ मोहौ मदो नैव मे नैव मात्सर्य भाव:।
न धर्मो न चार्थो न कामो ना मोक्ष: चिदानन्द रूप: शिवोऽहम् शिवोऽहम्॥

न मुझे घृणा है, न लगाव है, न मुझे लोभ है, और न मोह, न मुझे अभिमान है, न ईर्ष्या, मैं धर्म, धन, काम एवं मोक्ष से परे हूं, मैं तो शुद्ध चेतना हूं, अनादि, अनंत शिव हूं।

I have neither hatred, nor attachment, nor covetousness, nor attachment, I am neither proud nor jealous, I am beyond dharma, wealth, kama and moksha, I am pure consciousness, eternal, infinite Shiva.

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