उग्रायोग्रास्वरूपाय यजमानात्मने नमः। महाशिवाय सोमाय नमस्त्वमृत मूर्तये ॥ हे उग्ररूपधारी यजमान सदृश आपको नमस्कार है । सोमरूप अमृतमूर्ति हे