न किञ्चिदपि कुर्वाणः सौख्यैर्दुःखान्यपोहति।
तत्तस्य किमपि द्रव्यं यो हि यस्य प्रियो जनः॥
अपनों के हेतु बिना कुछ किये
Where the female relations live in grief, the family soon wholly perishes, but that family where
अकेली कन्या ही दश पुत्रों के समान है। दश पुत्रों के लालन पालन से जो फल