अनाथस्य जगन्नाथ नाथस्त्वं मे न संशयः । यस्य नाथो जगन्नाथस्तस्य दुःखं कथं प्रभो ॥

अनाथस्य जगन्नाथ नाथस्त्वं मे न संशयः ।
यस्य नाथो जगन्नाथस्तस्य दुःखं कथं प्रभो ॥

जिनका इस दुनिया में कोई नहीं, जगन्नाथ भगवान उनके स्वामी है, इसमें काई शंका नहीं। और, जिनके स्वामी जगन्नाथ हैं, उनको जीवन मे क्या दु:ख हो सकता है|

Without any doubt, one who is an orphan, Lord Jagannath is their master. And when Lord Jagannath is your master, what is there to grieve on.

Share:

Leave a Comment

Your email address will not be published.

TOP