![अप्प दीपो भव:](https://sanskritforus.com/wp-content/uploads/2023/09/343225950_801628758047469_6817653804968106833_n-1.jpeg)
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अप्प दीपो भव:
अपना प्रकाश स्वयं बनो।
Be the source of light by yourself.
किसी दूसरे से उम्मीद लगाने की बजाये अपना प्रकाश (प्रेरणा) खुद बनो। खुद तो प्रकाशित हों ही, लेकिन दूसरों के लिए भी एक प्रकाश स्तंभ की तरह जगमगाते रहो। भगवान गौतम बुद्ध ने अपने प्रिय शिष्य आनन्द से उसके यह पूछने पर कि जब सत्य का मार्ग दिखने के लिए आप या कोई आप जैसा पृथ्वी पर नही होगा तब हम कैसे अपने जीवन को दिशा दे सकेंगे तो बुद्ध ने ये जवाब दिया था – “अप्प दीपो भव” अर्थात अपना दीपक स्वयं बनो |