आनृशंस्यमनुक्रोशः श्रुतं शीलं दमः शमः। राघव शोभयन्त्येते षड्गुणाः पुरुषोत्तमं॥

आनृशंस्यमनुक्रोशः श्रुतं शीलं दमः शमः।
राघव शोभयन्त्येते षड्गुणाः पुरुषोत्तमं॥

दयालुता (क्रूर न होना) करुणा, विदवत्ता, सच्चरित्रता, आत्मा संयम, शान्त स्वभाव, ये छह गुण हैं, जो भगवान राम को हमेशा सुशोभित करते हैं।

kindness, compassion, scholarship, good moral character, self- restraint, being quiet in nature, these are the six virtues, which always adorn and embellish Lord Rama.

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