मन्दाकिनीसलिलचन्दनचर्चिताय नन्दीश्वरप्रमथनाथमहेश्वराय। मन्दारपुष्पबहुपुष्पसुपूजिताय तस्मै मकाराय नम: शिवाय ॥
जो शिव आकाशगामिनी मन्दाकिनी के पवित्र जल से संयुक्त तथा चन्दन से सुशोभित हैं, और नन्दीश्वर तथा प्रमथनाथ आदि गण विशेषों एवं षट् सम्पत्तियों से ऐश्वर्यशाली हैं, जो मन्दार–पारिजात आदि अनेक पवित्र पुष्पों द्वारा पूजित हैं, ऐसे उस मकार स्वरूप शिव को मैं नमस्कार करता हूँ।
Who is combined with the holy water of Shiva Akashgamini Mandakini and is adorned with sandalwood, and Nandishvara and Pramathnath etc are opulent with special and six properties, who are worshiped by many holy flowers like Mandar-Parijat etc. In this way, I bow down to that makar form Shiva.