त्यक्तो दैवेन मुक्तश्च जनैरस्वीकृतःकया ।
दैन्यमुखी न जातोहं यावन्मित्रेण रक्षितः।।
Hindi Translation
भाग्य के विपरीत होने पर, समाज द्वारा छोड़े दिये जाने पर किसी के द्वारा अस्वीकार किये जाने पर भी मैं तब तक दीनता की ओर सम्मुख नहीं हुआ जबतक मैं अपने मित्र द्वारा रक्षित था।
English Translation
Even after being given up by destiny , left by people, and rejected by someone, I was never in despair unless given up by my friend.
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